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भारत और बांग्लादेश का संबंध Bharat aur Bangladesh ka sambandh

नमस्कार मित्रों आप सबका हमारे वेबसाइट में बहुत-बहुत स्वागत है आज हम अपने इस वेबसाइट Skinfo.co.in के माध्यम से इस आर्टिकल में सहज और सरल शब्दों में चर्चा करने जा रहे हैं भारत और बांग्लादेश का संबंध के बारे में – मित्रों वर्तमान में बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश है और भारत की सबसे लंबी स्थलीय सीमा बांग्लादेश से ही मिलती है। 1947 से पहले बांग्लादेश भारत का ही क्षेत्र था।

भारत और बांग्लादेश का संबंध Bharat aur Bangladesh ka संबंध

मतभेद और विवाद – अगस्त 1975 में जब बांग्लादेश के कुछ सैनिक अधिकारियों ने शेख मुजीब और उनके सहयोगियों की हत्या कर शासन करता अपने हाथ में ले ली तब भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में कुछ विकार उत्पन्न हो गए। कालांतर में इन दोनों देशों के बीच निम्न प्रश्नों पर भारी मतभेद की स्थितियां बनी :

1. गंगाजल के बंटवारे पर विवाद-

इस प्रश्न पर पहले तो वह 1977 में संयुक्त नदी जल आयोग´ की स्थापना के रूप में समझौता हुआ तथा अंतिम रूप में 1996 में 30 वर्षीय ऐतिहासिक समझौता´ संपन्न हुआ। इस समझौते के आधार पर गंगा जल के बंटवारे के विवाद का हल होना निश्चित रूप से एक बड़ी सफलता थी और है।

2. बांग्लादेश के नागरिकों के अवैध रूप से और बड़ी संख्या में भारत में प्रवेश –

भारत ने जब इस अवैध प्रवेश की रोकथाम के लिए अपनी सीमा में तिहरी कटीली बाढ़ – बन्दी करना प्रारंभ किया, तब बांग्लादेश ने इसका विरोध किया। मूल बात यह है कि अपनी सीमा पर बाड़ बंदी करना और अवैध प्रवेश को रोकना भारत का अधिकार है।

3. बांग्लादेश में 1993 – 94 के वर्षों में तथा 2004 – 06 में हिंदुओं और बौद्धों अल्पसंख्यकों के प्रति अमानुषक व्यवहार 2006 के अंतिम दिनों से स्थिति में कुछ सुधार अवश्य आया है।

4. बांग्लादेश द्वारा असम में आतंकवादी और अलगाववादी तत्वों को प्रोत्साहन –

भारत-बग्लादेश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप की कोई इच्छा नहीं रखता है। आशा की जानी चाहिए कि बांग्लादेश की सरकार अपने हिंदू और बौद्ध-विरोधी रुख को छोड़कर अपने ही नागरिकों के बीच भेदभाव की स्थिति का त्याग कर देती, प्रयत्न करेगी कि भारत में संलग्न आतंकवादियों को बांग्लादेश से प्रोत्साहन ना मिले और बांग्लादेश से भारत आने वाले अवैध भारतीयों पर प्रभावी रोक लगे। अच्छे संबंधों के हित में बांग्लादेश को भारत की उदारता और सदभावना का उचित उत्तर देना होगा।

5. संबंधों की नई उम्मीद –

दिसंबर 2008 में संपन्न बांग्लादेश चुनावों में आवामी लीग दल की नेता शेख हसीना प्रबल बहुमत से जीती तथा प्रधानमंत्री पद ग्रहण किया। सूच्य हो की ऐतिहासिक कारणों से अवामी लीग भारत के साथ मधुर संबंधों की हिमायती रही है दूसरी ओर खालिदा जिया की बी.एन. पी. पार्टी सदैव भारत विरोधी रुख अपनाती रही है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 10 जनवरी से 13 जनवरी 2010 में भारत की ऐतिहासिक यात्रा संपन्न की जिससे दोनों देशों के संबंधों को नया सकारात्मक आयाम प्राप्त हुआ। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों में 5 समझौते पर हस्ताक्षर किए- (1) आपराधिक मामलों में आपसी सहयोग, (2) अपराधी घोषित व्यक्तियों का हस्तांतरण, (3) आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई पर सहमत, (4) ऊर्जा उत्पादन में सहयोग पर समझौता, (5) सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने संबंधी समझौता।

बांग्लादेश में रेलवे लाइन का विस्तार करने हेतु भारत में एक मिलियन डॉलर की क्रेडिट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। बांग्लादेश ने भारत को चटगांव बंदरगाह के उपयोग पर सहमति जताई है। भारत-बांग्लादेश स्थित ´हुजी´ (HUJI) आतंकवादी संगठन की गतिविधियों पर नियंत्रण करने में बांग्लादेश का सहयोग चाहता है। गंगाजल बंटवारे में बचे हुए विवादों का निपटारा से दोनों देशों द्वारा किया जाएगा। अतः भारत-बांग्लादेश संबंध एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं।

अस्वीकरण (Disclemar)

मित्रों हम आशा करते हैं कि आप लोगों ने इस आर्टिकल को अंदर तक पढ़ा होगा और समझा होगा भारत और बांग्लादेश का संबंध के बारे में दोस्तों इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी को हमने अपने शिक्षा के आधार पर लिखा है इसलिए यह आर्टिकल सही है। अगर आप सबको इसमें कोई संदेह दिखाई पड़ता है, तो आप लोग कमेंट करके बता सकते हैं हम उसे सुधारने का प्रयत्न करेंगे।

Written by skinfo

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