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कंप्यूटर का परिचय तथा उसकी विशेषताएं-Computer ka Parichy Tatha uski visheshtaen

नमस्कार दोस्तों आप सबका हमारे वेबसाइट में बहुत-बहुत स्वागत है। दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं एजुकेशन से रिलेटेड कंप्यूटर का परिचय तथा उसकी विशेषताएं के बारे में?

दोस्तों कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति कंप्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना। अतः बोलचाल की भाषा में इसे एक कैलकुलेटिंग डिवाइस माना जाता है जो अर्थमैटिकल और लॉजिकल ऑपरेशंस को तेजी के साथ कर सकता है, परंतु आज इसकी परिभाषा ही बदल गई है क्योंकि अब कंप्यूटर का उपयोग सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है। आज इसका उपयोग म्यूजिक ग्राफिक्स इंटरनेट आदि कई अन्य क्षेत्र में भी हो रहा है। अतः अलका सकते हैं कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डाटा को एक्सेप्ट करता है, और एक विस्तृत स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस इन के बाद उसे इंफॉर्मेशन में बदलता है और आउटपुट रिजल्ट प्रस्तुत करता है यह हमारी आवश्यकता के अनुसार डाटा को एक्सेप्ट स्टोर और उन्हें मैनिपुलेट करता है

कंप्यूटर के प्रकार(Types of Computer)

दोस्तों कंप्यूटर को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया गया है

1. एनालॉग कंप्यूटर
2. डिजिटल कंप्यूटर
3. माइक्रो कंप्यूटर
4. मिनी कंप्यूटर
5. मेनफ्रेम कंप्यूटर
6. सुपर कंप्यूटर
7. हाइब्रिड कंप्यूटर

1. एनालॉग कंप्यूटर – Analog Computer – एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग ज्यादातर चिकित्सा विज्ञान में किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर निरंतर डाटा मूल्यों पर काम करते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपको दबाव या कुछ इसी तरह की गणना करनी है तो तकनीक का होना उपयोगी होगा।

2. डिजिटल कंप्यूटर – Digital Computer – डिजिटल कंप्यूटर एक डिजिटल तकनीक पर सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कंप्यूटर है जो आजकल व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है और पसंद किया जाता है। इस तरह के माइक्रोप्रोसेसर तकनीक का उपयोग करते हैं जो काफी डिजिटल है और 1 सेकंड के भीतर लाखों निर्देशों के गणना और क्रियान्वयन करने में सक्षम है।

3. माइक्रो कंप्यूटर – Micro Computer – प्रोसेसर बहुत छोटा होने के कारण माइक्रोप्रोसेसर और डिवाइस को माइक्रो कंप्यूटर कहा जाता है। माइक्रो कंप्यूटर एकल उपयोगकर्ता उपकरण का उदाहरण है – डेस्कटॉप, लैपटॉप, पामटॉप, नोटबुक, पीडीए, इत्यादि

4. मिनी कंप्यूटर – Mini Computer – मिनी कंप्यूटर का प्रोसेसर छोटा किंतु माइक्रोप्रोसेसर से बड़ा होता है।मिनी कंप्यूटर बहुत उपयोगकर्ता उपकरण जिसे आमतौर पर व्यवसायिक उपयोग के लिए डिजाइनिंग कंपनी में उपयोग किया जाता है।

5. मेनफ्रेम कंप्यूटर – Mainframe Computer – इसमें बड़ा प्रोसेसर और मल्टी यूजर डिवाइस होता है। यूजर्स की संख्या मिनी कंप्यूटर से ज्यादा होती है। मल्टी यूजर और मल्टीटास्किंग डिवाइस है, इसका उपयोग ज्यादातर मेट्रोलॉजी में किया जाता है।

6. सुपर कंप्यूटर – Super Computer – प्रोसेसर अन्य कंप्यूटर की तुलना में सबसे बड़ा है और प्रोसेसिंग क्षमता अन्य उपकरणों की तुलना में सबसे अधिक है। यह मल्टी यूजर सबसे तेज गणना उपकरण है, जिसका उपयोग आमतौर पर गणना के उद्देश्य के लिए परमाणु विज्ञान में किया जाता है। CRAY-1 पहला सुपर कंप्यूटर है। भारत का पहला सुपर कंप्यूटर PARAM-10000 है।

7. हाइब्रिड कंप्यूटर – Hybrid Computer – कंप्यूटर का प्रकार दोनों विशेषताओं (डिजिटल और एनालॉग) के साथ आता है जिसे हाइब्रिड कहा जाता है। इसका उपयोग वहां किया जाता है जहां डिजिटल और एनालॉग डाटा दोनों की गणना करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि अस्पताल।

कंप्यूटर की विशेषताएं(Characteristics of Computer)

1. स्पीड – Speed – कंप्यूटर सेकंड के एक लाखवें हिस्से से भी कम में निर्देश दे सकते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि कंप्यूटर बहुत तेजी से काम कर सकता है। गणना के लिए केवल कुछ सेकंड लगते हैं जिन्हें पूरा करने में हमें घंटों लगते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कंप्यूटर लाखों(1,000,000) निर्देशों का प्रदर्शन प्रति सेकेंड की दर से कर सकता है।

2. शुद्धता – Suddhta – कंप्यूटर बिना कोई गलती के पूरा सही-सही गणनाएं कर सकता है। कंप्यूटर के एक्यूरेसी की डिग्री बहुत अधिक है और प्रत्येक गणना उसी एक्यूरेसी के साथ की जाती है। एक्यूरेसी का अस्तर कंप्यूटर के डिजाइन के आधार पर निर्धारित किया जाता है। कंप्यूटर में कोई गलती तभी आ सकती है जब व्यक्ति द्वारा गलत इनपुट य निर्देश दिए गए हों।

3.डिलीगेन्स – Diligence – कंप्यूटर दिए गए किसी भी कार्य को करने में सक्षम है। एक कंप्यूटर थकान एकाग्रता की कमी, और कमजोरी से मुक्त है। या बिना किसी त्रुटि के घंटों तक काम कर सकता है। यदि लाखों गणनायक की जानी है, तो यह कंप्यूटर एक ही सटीकता के साथ हर गणना करेगा। इस हमता के कारण यह मानव को नियमित प्रकार के कार्यों में व्यस्त कर देता है।

4. भंडारण क्षमता – storage capacity – कंप्यूटर चुंबकीय मीडिया पर बड़ी मात्रा में डाटा और जानकारी संग्रहित कर सकते हैं। कंप्यूटर में एक अंतर्निहित मेमोरी है जहां यह बड़ी मात्रा में डाटा संग्रहित कर सकता है।आप माध्यमिक स्टोरेज डिवाइस जैसे फ्लॉफी, आर्टिकल डेस्क में भी डाटा स्टोर कर सकते हैं, जिसे आपके कंप्यूटर के बाहर रखा जा सकता है और इन कंप्यूटरों पर ले जाया जा सकता है।

5.वर्सेलिटी -Verselity – कंप्यूटर बहुमुखी है, उदाहरण के लिए वे एक ही समय में कई अलग-अलग कार्य करते हैं। संगीत बजाना और अपने दस्तावेज को प्रारूपिक करना और यहां तक कि आप एक पृष्ठ भी प्रिंट कर सकते हैं। इसका अर्थ है पूरी तरह से विभिन्न प्रकार के कार्य करने की क्षमता। पेरोल स्लिप तैयार करने के लिए आप अपने कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं। अगले छड़ आप इसे सूची प्रबंधन है के लिए या बिजली के बिल तैयार करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

कंप्यूटर के जनरेशन – Generation of Computer

कंप्यूटर की जनरेशन को समयावधि के साथ-साथ टेक्नोलॉजी के उपयोग के अनुसार निम्नलिखित प्रकार से वर्णित किया गया है

1.प्रथम जनरेशन कंप्यूटर – First Generation Computer (1945-1954) – इस कंप्यूटर के प्रथम जनरेशन में वेक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था जिसने कंप्यूटर को साकार कर गणनाएं करना संभव किया। इस पीढ़ी में कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है और प्रोग्रामिंग मशीन स्तर की भाषाओं जैसे – आईबीएम 701, ईएनआईएसी आदि में किया गया था।

2. द्वितीय जनरेशन कंप्यूटर – Second Generation Computer – (1955-1964) – इस कंप्यूटर के द्वितीय जनरेशन में ट्रांजिस्टर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था जिसने कंप्यूटर के आकार को थोड़ा छोटा एवं तेज कर दिया था। इस पीढ़ी में कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक अनुप्रयोगों और वाणिज्य अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है। प्रोग्रामिंग उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे – आईबीएम 7030, हेनवेल 400 आदि में किया गया था।

3. तृतीय जनरेशन कंप्यूटर – Third Generation Computer – (1965-1974) – यह कंप्यूटर के तृतीय जनरेशन में इंटीग्रेटेड सर्किटस (आई0सी0) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया जिससे यह तुलनात्मक भरोसेमंद तथा तेज समझा गया। इस पीढ़ी में कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक, वाणिज्यिक और इंटरैक्टिव ऑनलाइन एप्लीकेशंस के लिए किया जाता है। प्रोग्रामिंग हाई स्पीड प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे – COBOL,FORTRAN,BASIC आदि में किया गया था।

4. चतुर्थ जनरेशन कंप्यूटर – Fourth Generation Computer – (1975- आज तक) – कंप्यूटर की इस पीढ़ी में तुलनात्मक रूप से बेहतर काम करने के लिए अंदर माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया था। यह आपके बीच कहीं भी पोर्टेबल होने के लिए सबसे विश्वसनीय और आकार में बहुत कम है। इस पीढ़ी में कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक, वाणिज्यिक, इंटरैक्टिव ऑनलाइन अनुप्रयोगों और नेटवर्क अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है। प्रोग्रामिंग उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे – आईबीएम पीसी आदि में की गई थी।

5. पंचम जनरेशन कंप्यूटर – Fifth Generation Computer – ( वर्तमान एवं भविष्य present and future) – पंचम जनरेशन के कंप्यूटर में आर्टिफिशियल (कृत्रिम) इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया जो इसे कंप्यूटर टेक्नोलॉजी में सर्वोपरि सिद्ध करता है जिसमें यह अपना खुद के आई0 क्यू0 का भी इस्तेमाल करता है। इस पीढ़ी में कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक, वाणिज्यिक, इंटरैक्टिव, अनुप्रयोगों मल्टीमीडिया और नेटवर्क अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है। प्रोग्रामिंग उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे – C#, जावा पायथन आदि में किया गया है।

निष्कर्ष(conclusion)

दोस्तों हमें पूर्ण विश्वास है कि आप लोगों ने इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ा होगा। दोस्तों कंप्यूटर आधुनिक व्यापारिक दुनिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और यहां तक की सबसे बुनियादी नौकरियों में से कई में प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर शामिल है। दोस्तों कंप्यूटर का os आसान होने के कारण बच्चे से लेकर बड़े सभी आसानी से कंप्यूटर को इस्तेमाल कर पाते हैं। पहले जो काम करने में इंसान को ज्यादा समय लगता था आज उसी काम को कंप्यूटर की मदद से बहुत कम समय में संपूर्ण करा जा सकता है।

अस्वीकरण(Disclemar)

दोस्तों इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी हमने अपने शिक्षा के अनुभव के आधार पर लिखा है, इसलिए काफी हद तक सही है। अगर आप सबको इसमें कोई मिस्टेक दिखाई पड़ता है तो आप लोग कमेंट करके बता सकते हैं।

Written by skinfo

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