नमस्कार दोस्तों आप सबका हमारे वेबसाइट में बहुत-बहुत स्वागत है दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में सहज और सरल शब्दों में चर्चा करेंगे केंद्रीय मंत्री परिषद के बारे में-
केंद्रीय मंत्रीपरिषद – Kendriya Mantri Parishad
भारत के संविधान में सरकार के संसदीय व्यवस्था ब्रिटिश मॉडल पर आधारित है हमारी राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंत्री परिषद होती है, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करता है।
संविधान में संसदीय व्यवस्था के सिद्धांत विस्तार से नहीं लिए गए हैं। परंतु 2 अनुच्छेदों 74 एवं 75 में इसके बारे में संक्षिप्त और सामान्य वर्णन है। अनुच्छेद 74 मंत्रिपरिषद से संबंधित है जबकि अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, कार्यकाल, उत्तरदायित्व, अर्हताओं, शपथ एवं वेतन और भत्तों से संबंधित है।
संवैधानिक प्रावधान( sanvaidhanik pravdhan)
अनुच्छेद – 74 राष्ट्रपति को सहायता एवं परामर्श और सलाह देने के लिए मंत्री परिषद
1. राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने हेतु एक मंत्री परिषद होगी, जिस का प्रावधान प्रधानमंत्री होगा।राष्ट्रपति मंत्री परिषद के परामर्श के अनुसार ही कार्य करेगा तथा पर यदि राष्ट्रपति चाहे तो वह एक बार मंत्री परिषद से पुनर्विचार के लिए कहा सकता है लेकिन मंत्री परिषद द्वारा द्वारा भेजने पर राष्ट्रपति उसकी सलाह योग अनुसार कार्य करेगा।
2. मंत्रियों द्वारा राष्ट्रपति को दी गई सलाह की जांच किसी न्यायालय द्वारा नहीं की जा सकती।
अनुच्छेद 75 मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
1. प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर करेगा।
2. प्रधानमंत्री सहित मंत्री परिषद के सदस्यों की कुल संख्या लोकसभा की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगी इस उपबंध का समावेश 91वें संविधान संशोधन विधेयक 2003 द्वारा किया गया है।
3. संसद के किसी भी सदन का किसी भी राजनीतिक दल का सदस्य दल बदल के आधार पर संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा तो ऐसा सदस्य मंत्री पद के लिए भी अयोग्य होगा।
4. मंत्री, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पर धारण करेंगे।
5. मंत्रीपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदाई होगी।
6. राष्ट्रपति, मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएगा।
7. कोई मंत्री जो निरंतर छह मास की किसी अवधि तक संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं है उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा।
8. मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते, संसद द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।
मंत्रियों द्वारा दी गई सलाह की प्रकृति(mantriyon dwara Di Gai Salah ki Prakriti)
अनुच्छेद 74 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्री परिषद का उपबंध है। यह राष्ट्रपति को उसके कार्य करने हेतु सलाह देती है। 42वें एवं 44 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा उसके परामर्श को राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी बना दिया गया है। मंत्रियों द्वारा राष्ट्रपति को दी गई सलाह की जांच किसी न्यायालय द्वारा नहीं की जा सकती। यह उपबंध राष्ट्रपति एवं मंत्रियों के बीच एक अंतरंग और गोपनीय संबंधों पर बल देता है।
सन 1974 में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि लोकसभा के विघटन होने के पश्चात भी मंत्री परिषद गठित नहीं होगी। अनुच्छेद 74 अनिवार्य है अतः राष्ट्रपति अपनी कार्यकारी शक्ति का प्रयोग बिना मंत्रिमंडल की सहायता एवं सलाह के नहीं कर सकता।बिना सलाह एवं सहायता के कार्यकारी शक्ति द्वारा किया गया कोई भी कार्य असंवैधानिक होगा और या अनुच्छेद 74 का उल्लंघन माना जाएगा। 1974 में न्यायालय ने कहा जब भी संविधान को राष्ट्रपति की संतुष्टि की आवश्यकता होगी। यह संतुष्ट राष्ट्रपति की व्यक्तिगत संतुष्ट ना होकर मंत्री परिषद की संतुष्ट होगी। जिसकी सलाह और सहायता पर राष्ट्रपति अपनी शक्ति का प्रयोग और कार्य करता है।
मंत्रियों की नियुक्ति(mantriyon ki Niyukti)
प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति किस करता है तथा प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है। इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति केवल उन्हीं व्यक्तियों को मंत्री नियुक्त करता है जिले की सिफारिश प्रधानमंत्री करता है।
सामान्यत: लोकसभा / राज्यसभा से ही संसद सदस्यों की मंत्री पर नियुक्ति होती है। कोई व्यक्ति संसद की सदस्यता के बिना मंत्री पद पर सुशोभित होता है तो उसे 6 माह के भीतर संसद के किसी भी सदन की सदस्यता लेनी होगी निर्वाचन से अथवा नामांकन से नहीं तो उसका मंत्री पद रद्द कर दिया जाए ता है।
एक मंत्री को जो संसद के किसी एक सदन का सदस्य है दूसरे सदन की कार्यवाही में भाग लेने और बोलने का अधिकार है परंतु वह उसे सदन में मत दे सकता है जिसका कि वह सदस्य है।
मंत्रियों द्वारा ली जाने वाली शपथ एवं उनका वेतन(mantriyon dwara Li jaane wali Shapath AVN Unka vetan)
मंत्री पद ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति उसे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाता है अपनी शपथ में वह कहता है—
1. मैं भारत के संविधान में सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा।
2. मैं भारत की अखंडता और संप्रभुता को अक्षुण्ण रखूंगा।
3. मैं अपने कर्तव्यों का श्रद्धा पूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वाहन करूंगा।
4. मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि अनुसार न्याय करूंगा।
अपनी गोपनीयता की शपथ में मंत्री शपथ लेते हैं कि जो विषय संघ के मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा उसे किसी व्यक्ति तथा व्यक्तियों को तब तक के सिवाय जबकि ऐसे मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के सम्यक निर्वाहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संशोधित या प्रकट नहीं करूंगा।
सन 1990 में देवीलाल द्वारा उप प्रधानमंत्री की शपथ को इस आधार पर चुनौती दी गई कि यह संवैधानिक है और संविधान में केवल प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों का उपबंध है। उच्चतम न्यायालय ने इस शपथ को वैध ठहराया और कहा किसी व्यक्ति की उप प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति केवल व्याख्यात्मक है और ऐसी व्याख्या उसे प्रधानमंत्री की कोई शक्ति प्रदान नहीं करती। इसमें कहा गया कि किसी मंत्री की उप प्रधानमंत्री अथवा अन्य किसी प्रकार के मंत्री जैसे राज्य मंत्री अथवा उप मंत्री के रूप में व्याख्या जो कि संविधान में वर्णित नहीं है उसके द्वारा ली गई शपथ को अवैध घोषित नहीं करती यदि उसके द्वारा ली गई शपथ का वास्तविक भाग्य सही है।
मंत्रियों के वेतन व भत्ते संसद समय-समय पर निर्धारित करती है एक मंत्री एक संसद सदस्य को दिए जाने वाले वेतन व भत्ते प्राप्त करता है। इसके अतिरिक्त वह भी आए विषय भत्ते उसके पद के अनुसार मुफ्त आवास, यात्रा, भत्ता,स्वास्थ्य सुविधा आदि प्राप्त करता है।
सन 2001 में प्रधानमंत्री क्या व्यय विषय भत्ता बढ़ाकर 1500 से ₹3000 प्रति माह केंद्रीय मंत्री के लिए 1000 से ₹2000 प्रतिमा राज्यमंत्री के लिए 500 से ₹1000 और उपमंत्री के लिए 300 से ₹600 प्रतिमाह कर दिया गया है।
अस्वीकरण(Disclemar)
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आप लोगों ने इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ा होगा और समझा भी होगा दोस्तों इस आर्टिकल में जो हमने आप सब को बताया है केंद्रीय मंत्रीपरिषद के बारे में दोस्तों यह जानकारी हमने अपने शिक्षा के अनुभव के आधार पर लिखा है इसलिए या आर्टिकल सही है। अगर आप सबको इस आर्टिकल में कोई मिस्टेक दिखाई पड़ता है तो कमेंट करके बता सकते हैं हम उसे सुधारने का प्रयत्न करेंगे