नमस्कार दोस्तों आप सबका हमारे वेबसाइट में बहुत-बहुत स्वागत है आज हम इस आर्टिकल में सहज और सरल शब्दों में चर्चा करने जा रहे हैं महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण – महमूद गजनवी या गजनी मध्य एशिया में स्थित अफगानिस्तान के एक छोटे से राज्य का स्वामी था यह राज पैगंबर साहब के उत्तराधिकारी हो या खलीफा के साम्राज्य से स्वतंत्र हो गए थे इनके शासक सुल्तान कहलाए इसीलिए इन राज्यों को सल्तनत कहा गया।
महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण – (Mahmud gajnavi ka Bharat per Aakraman)
तुर्क लोगों द्वारा पहला बड़ा हमला तब हुआ जब गजनी राज (अफगानिस्तान) के महमूद गजनवी नाम के तुर्क राजा ने भारत पर हमला किया, पर वह भारत में राज नहीं करना चाहता था। उसकी नजरें ईरान अफगानिस्तान व खुरासान के क्षेत्र में ही दूसरे तुर्क राजाओं को हराकर अपने राज्य गजनी को बढ़ाने में लगी थी।
जब महमूद गजनवी भारत में राज्य नहीं करना चाहता था तो फिर वह भारत क्यों आया? इसलिए कि वह अपनी सेना बनाने के लिए धन जुटाने की कोशिश कर रहा था। इस कोशिश में उसने सन 1000 ईस्वी से सन 1025 ईस्वी तक 17 बार विभिन्न राजपूत राज्यों पर आक्रमण किया उसने कई राजाओं को हराकर उनके धन पर कब्जा किया उन मंदिरों और बौद्ध मठों को तोड़ा व लूटा जिनमें बहुत धन दौलत इकट्ठी हुई थी इसमें 1025 ई. में सोमनाथ मंदिर का आक्रमण सबसे प्रसिद्ध है।
सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल में स्थित है यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को कई बार आक्रमणकारियों ने नुकसान पहुंचाया आधुनिक मंदिर का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयास से हुआ भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के हाथों 11 मई 1951 ई. को यहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई।
मोहम्मद गोरी-(Mohammed Gori)
मोहम्मद गोरी (अफगानिस्तान) के गोर नामक स्थान का था। उसने गजनी पर 1173 – 74 ई. में अधिकार कर लिया। भारत पर उसने पहला आक्रमण 1175 ई. में मुल्तान पर किया मुल्तान पर विजय करने के बाद गौरी ने गुजरात पर 1178 ई. में आक्रमण किया जहां उसे चालुक्य वंश के राजा मूल राज द्वितीय ने अपनी साहसी विधवा माँ नायिका देवी के नेतृत्व में आबू पहाड़ के निकट पराजित किया। यह मोहम्मद गोरी का भारत में पहली पराजय थी।
इस पराजय के बाद मोहम्मद गौरी ने अपने आक्रमण का मार्ग बदला। उसने पंजाब पर आक्रमण प्रारंभ किया। 1190 ई. तक उसने संपूर्ण पंजाब को जीत लिया।
पंजाब जीतने के बाद उसके राज्य की सीमाएं दिल्ली और अजमेर के शासक पृथ्वीराज चौहान के राज्य से मिलने लगी
पृथ्वीराज चौहान-(Prithviraj Chauhan)
पृथ्वीराज चौहान जिन दिनों मोहम्मद गोरी भारत पर आक्रमण कर रहा था, उस समय चौहान वंश के राजा पृथ्वीराज चौहान भी अपने राज्य का विस्तार करने में लगे हुए थे पृथ्वीराज चौहान एक वीर, साहसी एवं योग्य सेनानायक था। उन्होंने कई राजपूत शासकों को पराजित किया इनमें चंदेल शासक पर्मार्दिदेव था।पर्मार्दिदेव के आल्हा उदल नाम के लोक प्रसिद्ध सेनानायक में भीषण युद्ध किया, पर वे युद्ध में मारे गए। भटिंडा मोहम्मद गोरी के अधिकार कर लेने के बाद पृथ्वीराज चौहान तथा मोहम्मद गोरी के मध्य संघर्ष की स्थिति बन गई।
तराइन का प्रथम युद्ध-(tarain ka Pratham yuddh)
मोहम्मद गोरी तथा पृथ्वीराज चौहान के मध्य पहला युद्ध तराइन (हरियाणा के करनाल जिले में) के मैदान 1191 ई० में हुआ। इस युद्ध में मोहम्मद गोरी की हार हुई और वह जान बचाकर भागा।
मोहम्मद गोरी एक साल तक सांता रहा। इस दौरान उसने अपनी सेना को शक्तिशाली बनाया। 1192 ई० में उसने पुन: पृथ्वीराज चौहान पर आक्रमण किया। दोनों के बीच एक बार पुनः तराइन के मैदान में भीषण युद्ध हुआ। इस बार पृथ्वीराज चौहान की हार हुई। पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया गया।
पृथ्वीराज चौहान को पराजित करने के बाद मोहम्मद गोरी ने 1194 ईस्वी में कन्नौज के शासक जयचंद को चंदावर नामक स्थान पर पराजित किया मोहम्मद गोरी एवं उसके सेना नायकों ने ग्वालियर बयाना बिहार एवं बंगाल पर विजय प्राप्त की मोहम्मद गौरी के मृत्यु के समय 1206 ईस्वी तक लगभग संपूर्ण उत्तर भारत उसके अधीन आ चुका था
सन 1192 ई० में तराइन का द्वितीय युद्ध निर्णायक सिद्ध हुआ मोहम्मद गोरी की जीत में तुर्कों के लिए भारत के द्वार खोल दिया जिससे सल्तनत काल की शुरुआत हुई।
तुर्कों की जीत के कारण-(turkon Ki Jeet Ke Karan)
इतिहासकार राजपूतों की हार व तुर्कों की जीत के अलग-अलग कारण बताते हैं। इतिहासकारों के बीच इस बात को लेकर सहमति नहीं है फिर भी मुख्य रूप से तुर्कों की जीत के निम्नलिखित कारण हैं-
1. राजपूत राजाओं में एकता का अभाव।
2. राजपूतों द्वारा पुरानी युद्ध प्रणाली व शास्त्रों का प्रयोग करना।
3. तुर्की सेना के पास अच्छी नस्ल के घोड़े और फुर्ती घुड़सवारों का होना।
4. तुर्क सैनिकों का कुशल तीरंदाज होना।
5. भारतीय समाज में व्याप्त ऊंच-नीच एवं छुआ-छूत की भावना।
अस्वीकरण-(Disclemar)
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आप लोगों ने इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ा होगा महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण। दोस्तों या पोस्ट हमने अपने इस पीढ़ी के माध्यम से लिखा है इसलिए यहां आर्टिकल सही अगर आप सबको इसमें कोई मिस्टेक दिखाई पड़ता है तो कमेंट करके बता सकते हैं हम उसे सुधारने का प्रयास करेंगे।