नमस्कार दोस्तों आप सबका हमारे वेबसाइट में बहुत-बहुत स्वागत है आज हम किस आर्टिकल में सहज और सरल शब्दों में चर्चा करेंगे प्रधानमंत्री के कार्य व शक्तियां के बारे में-
प्रधानमंत्री के कार्य व शक्तियां Pradhanmantri ke Karya v shaktiyan
दोस्तों प्रधानमंत्री के कार्य व शक्तियां निम्नलिखित हैं:
मंत्रीपरिषद के संबंध में (Mantri Parishad ke sambandh mein)
केंद्रीय मंत्रीपरिषद के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री की शक्तियां निम्न हैं:
1. वाह मंत्री नियुक्त करने हेतु अपने दल के व्यक्तियों की राष्ट्रपति को सिफारिश करता है। राष्ट्रपति उन्हीं व्यक्तियों को मंत्री नियुक्त कर सकता है। जिन की सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
2. वाह मंत्रियों को विभिन्न मंत्रालय आवंटित करता है और उनमें फेरबदल करता है।
3. वह किसी मंत्री को त्यागपत्र देने अथवा राष्ट्रपति को उसे बर्खास्त करने की सलाह दे सकता है।
4. वह मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है।तथा उसके निर्णयों को प्रभावित करता है।
5. वह सभी मंत्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित, निर्देशित करता है और उनके समन्वय रखता है।
6. वह पद से त्यागपत्र देकर मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर सकता है।
चूंकि प्रधानमंत्री मंत्री परिषद का प्रमुख होता है। अतः जब प्रधानमंत्री त्यागपत्र देता है अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है तो अन्य मंत्री कोई भी कार्य नहीं कर सकते अन्य शब्दों में प्रधानमंत्री की मृत्यु अथवा त्यागपत्र से मंत्रिपरिषद स्वयं ही विघटित हो जाती है। ओर एक शून्यता उत्पन्न हो जाती है। दूसरी और किसी अन्य मंत्री की मृत्यु या त्यागपत्र पर केवल रिक्तता उत्पन्न होती है जिसे भरने के लिए प्रधानमंत्री स्वतंत्र होता है।
राष्ट्रपति के संबंध में (Rashtrapati ke sambandh mein)
राष्ट्रपति के संबंध में प्रधानमंत्री निम्न शक्तियों का प्रयोग करता है:
1. वह राष्ट्रपति एवं मंत्री परिषद के बीच संवाद के मुख्य कड़ी है। उसका दायित्व है कि वह:
(क) संघ के कार्यकलाप प्रशासन संबंधी और विधान विषयक प्रस्थापनाओं संबंधी मंत्रीपरिषद के सभी विनिश्चय राष्ट्रपति को संसूचित करें।
(ख) संघ के कार्यकलाप में प्रशासन संबंधी और विधान विषय स्थापनाओं संबंधी जो जानकारी राष्ट्रपति मांगे वह दे।
(ग) किसी विषय को जिस पर किसी मंत्री ने विनिश्चय कर दिया है किंतु मंत्रिपरिषद ने विचार नहीं किया है राष्ट्रपति द्वारा अपेक्षा किए जाने पर परिषद के समक्ष विचार के लिए रखें।
2. वह राष्ट्रपति को विभिन्न अधिकारियों जैसे; भारत का महान्यायवादी, भारत का महानियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष एवं उसके सदस्यों, चुनाव आयुक्तों, वित्त आयोग का अध्यक्ष एवं उसके सदस्यों एवं अन्य की नियुक्ति के संबंध में परामर्श देता है।
संसद के संबंध में (Sansad ke sambandh mein)
प्रधानमंत्री निचले सदन का नेता होता है इस संबंध में वह निम्नलिखित शक्तियों का प्रयोग करता है:
1. वह राष्ट्रपति को संसद का सत्र आहूत करने एवं सत्रावसान करने संबंधी परामर्श देता है।
2. वह किसी भी समय लोकसभा में विघटित करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकता है।
3. वह सभा पटल पर सरकार की नीतियों की घोषणा कर सकता है।
अन्य शक्तियां व कार्य (Anya shaktiyan V Kartavya)
उपरोक्त तीन मुख्य भूमिकाओं के अतिरिक्त प्रधानमंत्री की अन्य विभिन्न भूमिकाएं भी हैं:
1. वाह योजना आयोग (अब नीति आयोग), राष्ट्रीय विकास परिषद, राष्ट्रीय एकता परिषद अंतर्राज्यीय परिषद और राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद का अध्यक्ष होता है।
2. वह राष्ट्र की विदेश नीति को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. वह केंद्र सरकार का मुख्य प्रवक्ता है।
4. वह आपातकाल के दौरान राजनीतिक स्तर पर आपदा प्रबंधन का प्रमुख है।
5. देश का नेता होने के नाते व विभिन्न राज्यों के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलता है और उनकी समस्याओं के संबंध में ज्ञापन प्राप्त करता है।
6. वाह सत्ताधारी दल का नेता होता है।
7. वह सेनाओं का राजनैतिक प्रमुख होता है इत्यादि।
निष्कर्ष(conclusion)
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आप लोगों ने इस आर्टिकल में की गई चर्चा को विस्तार पूर्वक होगा दोस्तों इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी का निष्कर्ष निकलकर या आता है कि प्रधानमंत्री देश की राजनीतिक – प्रशासनिक व्यवस्था में अति महत्वपूर्ण एवं अहम भूमिका निभाता है डॉक्टर बी. आर. अंबेडकर ने कहा हमारे संविधान के अंतर्गत कैसे कार्यकारी कि यदि अमेरिका के राष्ट्रपति से तुलना की जाए तो वह प्रधानमंत्री है ना कि राष्ट्रपति।
अस्वीकरण(Disclemar)
दोस्तों इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी हमने अपने शिक्षा के अनुभव के आधार पर लिखा है इसलिए आर्टिकल सही है अगर आप सबको इसमें कोई मिस्टेक दिखाई पड़ता है तो आप लोग कमेंट करके बता सकते हैं हम उसे सुधारने का प्रयत्न करेंगे